106 करोड़ का धर्मांतरण रैकेट: छांगुर बाबा की कोठी, कोडवर्ड और काली साजिश
INTRO | काली कोठी से खुला 106 करोड़ का राज़
70 कमरों की कोठी, CCTV, कंटीली बाड़, जर्मन शेफर्ड और विदेशी नस्ल के घोड़े… यह किसी राजा-महाराजा की हवेली नहीं — एक धर्मांतरण फैक्ट्री थी।
और इसका संचालक था — जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा, एक फेरीवाला, जो बन गया क्रॉस-बॉर्डर कन्वर्ज़न रैकेट का मास्टरमाइंड।
5 जुलाई की रेड | ED-ATS का ऑपरेशन सिंक्रनाइज़्ड
🕔 सुबह 5 बजे
बलरामपुर से मुंबई तक
🔻 14 ठिकानों पर छापेमारी
🔻 20 टीमें, 13 घंटे की कार्रवाई
🔻 68 करोड़ की बैंक मूवमेंट
🔻 7 करोड़ की विदेशी फंडिंग (सिर्फ 3 महीनों में!)
👉 ATS ने पकड़ा वांटेड रशीद शाह
👉 बांद्रा से दबोचा गया ‘फ़ाइनेंस हैंडलर’ शहजादा
कोडवर्ड्स की काली भाषा | ब्रेनवॉश की नई स्क्रिप्ट
> “काजल लगाना” = ब्रेनवॉश
“मिट्टी बदलना” = धर्म परिवर्तन
“दीदार कराना” = लड़की उपलब्ध कराना
“नया केस” = नई युवती का धर्मांतरण
छांगुर की टीम में 1500 मुस्लिम युवक — जिन्हें धर्म परिवर्तन कराने के लिए पैसे दिए जाते थे।
रैकेट 5 राज्यों और नेपाल बॉर्डर तक फैला था।
विक्टिम्स की गवाही | ब्रेनवॉश से ब्लैकमेल तक
रानी उर्फ अलीना (लखनऊ)
इंस्टा से दोस्ती, फर्जी निकाह, फिर शोषण।
बबीता (बेंगलुरु)
धोखा, धर्म परिवर्तन, ब्लैकमेल और गैंगरेप।
हर पीड़िता सिर्फ एक मामला नहीं — एक चेतावनी है।
हवाला + NGO + ट्रस्ट = फंडिंग जाल
🔸 अस्वी इंटरप्राइजेज, अस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट
🔸 14 बैंक खातों से करोड़ों की मूवमेंट
🔸 विदेशी बैंक लिंक: Emirates NBD, Al Ansari Exchange, SBI, ICICI
🔸 19 बार UAE यात्रा – फर्जी पासपोर्ट पर
‘काल लोक’ कोठी: Safe House या ट्रेनिंग सेंटर?
📍 बलरामपुर की कोठी – 3 करोड़ की लागत
✅ 70 कमरे, तहखाना, CCTV, मिनी पॉवर हाउस
✅ विदेशी नस्ल के घोड़े
✅ RCC से बनी बंकरनुमा संरचना
बुलडोज़र से तोड़ने में प्रशासन को लगे 3 दिन — तो इसे बनाने में कितनी मिली छूट?
छांगुर का सफर: नग बेचने से करोड़ों के कन्वर्ज़न रैकेट तक
🔹 2015 – हाजी अली दरगाह से संपर्क
🔹 2020 – बलरामपुर को बेस बनाया
🔹 पत्नी को प्रधान बनवाकर राजनीतिक पहुंच
🔹 धर्म और राजनीति की साझेदारी
अभी सवाल बाकी हैं…
> छांगुर बाबा को 106 करोड़ भेजने वाला कौन है?
क्या ये सिर्फ कन्वर्ज़न नहीं, टेरर फंडिंग ऑपरेशन था?
Safe House जैसी कोठी प्रशासन की नज़रों से क्यों छिपी रही?
और सबसे अहम — क्या छांगुर अकेला था?
Akhileaks Verdict
“छांगुर बाबा एक नाम है — लेकिन उसके पीछे एक सिस्टम है।”
यह ऑपरेशन धर्मांतरण की आड़ में भारत की आंतरिक सुरक्षा पर हमला था।
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